अब तो बहुत खुश होगे तुम
बहुत अच्छा लग रहा होगा न तुम्हे
राज ठाकरे के आगे नतमस्तक होके ,
हंसल मेहता की तरह अपमानित नहीं होना पड़ा न तुम्हे?
कालिख नहीं पुतवानी पड़ी न अपने मुँह पर?
बधाई हो।
तुम्हे डर सता रहा होगा न?
डर होगा
कहीं जो हंसल मेहता के साथ हुआ
वही तुम्हारे साथ भी न हो जाए।
'दिल पे मत ले यार' की सीख देने वाले
हंसल मेहता तो पागल थे या कहें बेवकूफ थे
माफ़ी मांगने में आनाकानी जो कर रहे थे
भूल गए थे की................'मुंबई किसकी है?'
पर बधाई हो तुमने याद रखा।
सचमुच कितने बेवकूफ थे हंसल मेहता
मुँह पर कालिख पुतवा कर
सार्वजनिक रूप से अपमानित होकर
पिट-कर
अस्तित्व(जीवन) संकट होने पर
उन्होंने माफ़ी मांगी।
सचमुच आज के समय में कितने बेवकूफ लगते है वो।
लेकिन तुम कितने समझदार,
कितने प्रोफेशनल हो न ?
सीधे माफ़ी ही मांग ली ..........और
'सिड' को जगाने के
लिए खुद आँखे 'मूंद' ली
बधाई हो।