मंगलवार, 6 मार्च 2012

स्मृति में प्रेम

चिक्की के गाल पर हाथ फेरते हुए उसे ऐसा एहसास हुआ मानो यह स्पर्श महसूस किये उसे ज्यादा समय नहीं बीता। चिक्की जब मुस्कराता, हँसता,खेलता.रोता, उसके चेहरे और छातियों पर अपने हाथों से थपकी मारता, यह एहसास उसे फिर फिर होता और वह उन स्मृतियों में खो जाती जब उसने और चिक्की के पापा ने जीने मरने की क़समें साथ-साथ खाई थी। तब उसे हम बने तुम बने एक दूजे के लिए फिल्मी गीत बेहद पसंद था। लेकिन समय हमारी सोच और धारणाओं के साथ साथ हमारे ख्वाबों को भी कितना बदल देता है। आज उसे अक्सर क्या हुआ तेरा वादा..याद है तुझको तून कहा था.. अपने दिल के अधिक करीब लगता है। आज चिक्की का जन्मदिन है। यहाँ आने से पहले उसने खुद को कितना समझाया था कि वह न जाए लेकिन जैसे उसका अपने पैरों पर बस ही न था जैसा पहले दिल पर नहीं था। पूरे रास्ते कॉलेज के दिनों की यादें उसे सालती रहीं। चिक्की की मम्मी और उसकी दोस्ती हुए ज्यादा समय नहीं बीता है। जब उसे पता चला कि चिक्की की मम्मी अजय की ही पत्नी तब उसने खुद को इससे काटने की कोशिश भी की लेकिन फिर रह गयी..आज इस समय जब घर में पार्टी का माहौल है चिक्की अपनी इस नई आंटी को छोड़ने को तैयार नहीं। और वह भी नहीं चाहती कि चिक्की उसे छोड़े, कितना अरसा हो गुज़र गया है किसी को प्यार किये। आशा ने फिर धीरे से आँखे चुराते हुए चिक्की के गाल पर अपने होंठो का एक हल्का स्पर्श रख दिया।