शनिवार, 26 मई 2012

तुम्हारी आँखें मेरे नाम से ज्यादा खूबसूरत हैं।


तुम्हारे होंठों से
हज़ारों बातों को, सुनने की
चाहत कभी न थी।
बस, नाम मेरा
एक बार भी
तुम्हारे होंठों से न छुआ।
तुमने जब कहा 'तुम'
मैं सर्वनामों में संज्ञा तलाशने लगा
तुम्हें सब कुछ पता है
एक मेरे नाम के सिवा

मेरा चाहत रही सदा
तुम मेरा नाम पुकारों
और तुमने मुझे देख भर लिया।
तब जाके मैं समझा कि तुम्हारी आँखें
मेरे नाम से ज्यादा खूबसूरत हैं।

रविवार, 20 मई 2012

जब मैंने कहा


जब मैंने कहा
मुझे तुमसे प्यार है।
तुमने कुछ नहीं कहा
बस
तुम हँस दीं।

जब मैंने कहा
मैं तुम्हें चाहता हूँ बेपनाह
तुमने कुछ नहीं कहा
बस
मेरे होंठों पर अपनी उँगलियाँ रख दीं।

जब मैंने कहा
चलो, आज फिल्म देखने चलें?
तुमने कुछ नहीं कहा
बस
मुस्कुराई और क्लास में चलीं गईँ।

जब मैंने कहा
चलो पार्क में चलें
तुमने कुछ नहीं कहा
बस मेरा हाथ थामा
और चल दीं।

जब मैंने पूछा
शादी करोगी मुझसे?
तुमने लगभग हाथ झटकते हुए कहा
आर यू मैड..
आज के बाद हम कभी नहीं मिलेंगे।