गुरुवार, 20 अगस्त 2009

उसके मरते ही,,,,,

उसके मरते ही
अचानक ही
सब कुछ पीला हो गया
चेहरे का रंग.......
फैक्ट्री में रखा माल
घर में बनी दाल
घरवालों का हाल
और जो कुछ पीला ना हो सका
वह था
उसकी आँखों का रंग
जिनमें अब तक भी
इस दकियानूसी समाज के लिए क्रोध था
जिसका विरोध करने के कारण ही उसकी जान ली गई ।

2 टिप्‍पणियां:

श्यामल सुमन ने कहा…

अरे वाह तरुण जी। बहुत कुछ कह गए इस छोटी सी रचना में। शानदार अभिव्यक्ति।

सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com

जितेन्द़ भगत ने कहा…

बहुत सुंदर कवि‍ता रची आपने।