गुरुवार, 8 अक्तूबर 2009

करण जौहर के लिए.......बधाई संदेश

अब तो बहुत खुश होगे तुम

बहुत अच्छा लग रहा होगा न तुम्हे

राज ठाकरे के आगे नतमस्तक होके ,

हंसल मेहता की तरह अपमानित नहीं होना पड़ा न तुम्हे?

कालिख नहीं पुतवानी पड़ी न अपने मुँह पर?

बधाई हो।


तुम्हे डर सता रहा होगा न?

डर होगा

कहीं जो हंसल मेहता के साथ हुआ

वही तुम्हारे साथ भी न हो जाए।


'दिल पे मत ले यार' की सीख देने वाले

हंसल मेहता तो पागल थे या कहें बेवकूफ थे

माफ़ी मांगने में आनाकानी जो कर रहे थे

भूल गए थे की................'मुंबई किसकी है?'

पर बधाई हो तुमने याद रखा।


सचमुच कितने बेवकूफ थे हंसल मेहता

मुँह पर कालिख पुतवा कर

सार्वजनिक रूप से अपमानित होकर

पिट-कर

अस्तित्व(जीवन) संकट होने पर

उन्होंने माफ़ी मांगी।

सचमुच आज के समय में कितने बेवकूफ लगते है वो।


लेकिन तुम कितने समझदार,

कितने प्रोफेशनल हो न ?

सीधे माफ़ी ही मांग ली ..........और

'सिड' को जगाने के

लिए खुद आँखे 'मूंद' ली

बधाई हो।

3 टिप्‍पणियां:

उम्दा सोच ने कहा…

तरुण जी वख्त का तकाज़ा कहता है, जब सरकार नपुंसक हो तो गुंडों से बैर लेना ठीक नहीं!

बरसों से ठाकरे परिवार छूट गुंडई करती आई है और रहेगी ,बडे से बडा (x,y,z श्रेणी सुरछा प्राप्त तक) उनके जूते से डरता है! आम जनता की क्या बिसात है?
उनके साथ झुन्ड है आप जौहर के साथ कबतक खडे रहेंगे?

कौन क्या कर लेगा!!!

तरुण गुप्ता ने कहा…

आपने ठीक कहा, लेकिन करण जौहर अब इस काबिल नहीं रहे कि उनके साथ खड़े होने में हम अपनी इज्ज़त अफजाई महसूस करें

kuchbaate.blogspot.com ने कहा…

joe bhi karan johar na ake nagrik hone ka nate kiya woe sarasar galat tha kuki mumbai ko kisi naam sa bhi boolo is per kisi ki koi rok nahi hoe sakte hai.
lakin usne joe bhi kiya woe apne film ka liya kiya, kuki usska paisa laga tha aur usper ager mumbai mai baan lagjata toe uske film aur usse bahut nuksan hota, iska chalte usne ya kadam uthaya.
dono soach apne jaga teek hai per ab aam insan ko jagna hoga aur aase raj thakre jase laogo ka khilaf kahada hona hoga?kuki sarkar kuch nahi karne wali?