जब मैंने कहा /मुझे तुमसे प्यार है /तुमने कुछ नही कहा/
बस / तुम हँस दीं ।
जब मैंने कहा / मैं तुम्हें चाहता हूँ बेपनाह/
तुमने कुछ नही कहा बस अपनी उँगलियाँ मेरे होंठो पे रख दीं ।
जब मैंने कहा /चलो आज फिल्म देखने चलते हैं / तुमने कुछ नही कहा /
तुम मुस्कुराईं और क्लास लेने चलीं गईं ।
जब मैंने कहा / शाम मस्तानी है पार्क में चलें क्या ?तुमने कुछ नही कहा /
मेरा हाथ थामा और चल दीं ।
जब मैंने कहा / शादी करोगी मुझसे /
तुमने कहा- पागल हो गए हो क्या ?
आज के बाद हम कभी नही मिलेंगे ।
3 टिप्पणियां:
"Really great to read"
Regards
वाह! बहुत खूब लिखा है. बधाई.सस्नेह
गजब की थीम है आपके इस अंश में:
जब मैंने कहा / शादी करोगी मुझसे /
तुमने कहा- पागल हो गए हो क्या ?
आज के बाद हम कभी नही मिलेंगे ।
मजाक में भी सुंदर और भाव में भी। शादी कई तरह की आजादी छिन लेती है, पढ़ने की, फिल्म देखने की, साथ घूमने की। इसलिए शादी से बचना , दुबारा न मिलना- एक स्त्री विमर्श रचता है।
इस कविता को इस लिहाज से महत्वपूर्ण मानता हूँ मैं।
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