मुझे पेट में न मारा करो । "uf! kitnee dard bhree aavaj hai ye ek ajanmey kee, magar kya koee sunta hai is aavaj ko.... hume to rula gyee yee panktiyan.."
आपको कविता पसंद आई । आपने इसकी अहमियत को समझा ये मेरे लिए सुकून की बात है । वरना यहाँ कविता के नाम पर सिर्फ बयानबाजी और मज़ाक़ ही अधिक हो रहा है । मेरी हमेशा ही कोशिश रही है कि मैं कविता में उन सभी समकालीन दायित्वों का निर्वाह करूँ जो हमारे समय के काफी सारे लोग नही कर रहे हैं क्योंकि मेरे लिए कविता हमेशा से ही छोटी-छोटी बातों की चुभन से और भागती जिन्दगी की घुटन से साक्षात्कार करने-कराने का सशक्त माध्यम रही है ।
8 टिप्पणियां:
मैंने कब कहा
मुझे तुम प्यार करो ।
मैंने कब कहा
मेरा ध्यान रखो ।
dil ko chu gai hai ....
bahut sunder
saarthak aur marmik.
बस
मुझे पेट में न मारा करो । "uf! kitnee dard bhree aavaj hai ye ek ajanmey kee, magar kya koee sunta hai is aavaj ko.... hume to rula gyee yee panktiyan.."
Regards
मार्मिक। पेट पर नहीं, दिल पर चोट करती हुई..
जिअो प्यारे और सहन करने की ताकत भी हासिल करो।
बहुत अच्छा...आपको और आपके परिवार को दीपावली की बहुत बहुत शुभकामनाएं।
अक्ल तय करती है लम्हों का सफर सदियों में।
इश्क तय करता है लम्हों में जमाने कितने।।
दीपावली की शुभकामनाएँ।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
मुश्किलों से भागने की अपनी फितरत है नहीं।
कोशिशें गर दिल से हो तो जल उठेगी खुद शमां।।
www.manoramsuman.blogspot.com
आपको कविता पसंद आई । आपने इसकी अहमियत को समझा ये मेरे लिए सुकून की बात है । वरना यहाँ कविता के नाम पर सिर्फ बयानबाजी और मज़ाक़ ही अधिक हो रहा है । मेरी हमेशा ही कोशिश रही है कि मैं कविता में उन सभी समकालीन दायित्वों का निर्वाह करूँ जो हमारे समय के काफी सारे लोग नही कर रहे हैं क्योंकि मेरे लिए कविता हमेशा से ही छोटी-छोटी बातों की चुभन से और भागती जिन्दगी की घुटन से साक्षात्कार करने-कराने का सशक्त माध्यम रही है ।
bhut aacha sahi ja rahe hoe. pyar mango mat pyar ko cheen lo ya loot lo. kya hai aaj ka pyar ka style?
एक टिप्पणी भेजें