शुक्रवार, 21 मई 2010

बद्री नारायण की कविता

नया ज्ञानोदय के मई अंक में बद्री नारायण की कविता 'पेड़ की शोकसभा' वर्तमान हालातों को देखते हुए बहुत जानदार जान पड़ती है जिन लोगों ने बद्री नारायण की कविता 'प्रेम-पत्र' पढ़ी होगी वो उनके पहले ही मुरीद होंगे . उनका एक अलग ही अंदाज़ है कविता कहने का, वे कविता में माम्लातों को बातों की शक्ल में बयाँ करते है एक बानगी देखिये-
एक पेड़ की शोकसभा में आमंत्रित है आप
आइये पेड़ की शोकसभा में
आइये
कल जनतंत्र और राजसत्ता ने
उतार कर मानवीय चेहरा
तोप, बम, हेलिकॉप्टर
कर दिया था तैनात
रात भर के चले अर्धसैनिक बलों के अभियान में
यह पेड़ अंतत: मारा गया
देखिये खबर लहरिया अख़बार के पांचवे पेज के चौथे कॉलम
की न्यूज़ है यह..

पूरी कविता पढने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें www.jnanpith.net

1 टिप्पणी:

दिलीप ने कहा…

bahut hi umda aur saamyik rachna...